Aagaaz.... nayi kalam se...

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Kya likhun...???

Friday, December 31, 2010

नव वर्ष.....


नव वर्ष कि बहुत बहुत शुभकामनाए.......उम्मीद है कि इस वर्ष हम हिन्दुस्तानी कुछ ऐसा करे कि सारा विश्व कहने पर मजबूर हो जाये----
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा.....




सदी का एक दशक है बीता,
कुछ खट्टा, कुछ मीठा- मीठा,
कुछ छोड़ गए है अपना साया,
कहीं नया मेहमान है आया,
लेकिन समय नहीं है रुकता,
सुख- दुःख के आगे झुकता,
जो पाया वो तिनका भर था,
जो खोया अनमोल बहुत था,
हो ही गया जो होना था,
खो ही गया जो खोना था,
नया साल आया है देखे,
क्या- क्या लाया है ये देखे,
देश बढ़े और विश्व बढ़े ये,
इच्छा हो हम सब के मन में,
घर में चैन से सोये आदमी,
पक्षी खेले वन- उपवन में,
सभी को मिले खुशियाँ सारी,
यही है शुभकामना हमारी........


- शुभी चंचल

Sunday, December 19, 2010

अफ़सोस.......

ये अफ़सोस है ...... इस दुनिया के उन पुरुषों कि सोच पर जो आज भी स्त्रियों को हीन भावना से देखते है........

तालीम दिलाना भूल गए,
पर सबक सिखाना याद रहा,
मुझसे तो तुम आबाद रहे,
पर मेरा जहाँ बर्बाद रहा,
भागी बनाना भूल गए,
पर बाँट के रखना याद रहा,
जब खिला फूल मेरे आँगन,
तेरी ही औलाद रहा,
रिश्तों को निभाना भूल गये,
सांसों को जकड़ना याद रहा,
तूने जो जिया वो जीवन था,
मेरा हर पल जेहाद रहा......

-अज्ञात...