
नव वर्ष कि बहुत बहुत शुभकामनाए.......उम्मीद है कि इस वर्ष हम हिन्दुस्तानी कुछ ऐसा करे कि सारा विश्व कहने पर मजबूर हो जाये----
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा.....
सदी का एक दशक है बीता,
कुछ खट्टा, कुछ मीठा- मीठा,
कुछ छोड़ गए है अपना साया,
कहीं नया मेहमान है आया,
लेकिन समय नहीं है रुकता,
सुख- दुःख के न आगे झुकता,
जो पाया वो तिनका भर था,
जो खोया अनमोल बहुत था,
हो ही गया जो होना था,
खो ही गया जो खोना था,
नया साल आया है देखे,
क्या- क्या लाया है ये देखे,
देश बढ़े और विश्व बढ़े ये,
इच्छा हो हम सब के मन में,
घर में चैन से सोये आदमी,
पक्षी खेले वन- उपवन में,
सभी को मिले खुशियाँ सारी,
यही है शुभकामना हमारी........
कुछ खट्टा, कुछ मीठा- मीठा,
कुछ छोड़ गए है अपना साया,
कहीं नया मेहमान है आया,
लेकिन समय नहीं है रुकता,
सुख- दुःख के न आगे झुकता,
जो पाया वो तिनका भर था,
जो खोया अनमोल बहुत था,
हो ही गया जो होना था,
खो ही गया जो खोना था,
नया साल आया है देखे,
क्या- क्या लाया है ये देखे,
देश बढ़े और विश्व बढ़े ये,
इच्छा हो हम सब के मन में,
घर में चैन से सोये आदमी,
पक्षी खेले वन- उपवन में,
सभी को मिले खुशियाँ सारी,
यही है शुभकामना हमारी........
- शुभी चंचल
these r very good line vth liberal vision...Shubhi keep it up.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति शुभी चंचल जी ......
ReplyDelete" जो पाया वो तिनका भर था,जो खोया अनमोल बहुत था"....वाह वाह क्या कहने !
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः |
ReplyDeleteसर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दुखभाग भवेत् ||
Happy new year to all...
bahut hi achha likha hai......
ReplyDeletethanks....aap sabhi ka..
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनायें आपको भी ..... सुंदर कविता
ReplyDeleteसभी को मिले खुशियाँ सारी,
ReplyDeleteयही है शुभकामना हमारी..
बहुत सुन्दर बधाई
dat was nice and hope tum isse bhi achcha likhogi...
ReplyDeletevery nice poem..
ReplyDeleteनव वर्ष ही नहीं, आपको वसंत पंचमी की भी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteइस शमा को जलाए रखें।
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अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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