Aagaaz.... nayi kalam se...

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Monday, September 26, 2016

तुम_और_मैं

#तीसरी_कड़ी
मैं- तुम्हें याद है जब हम पहली बार मिले थे तो कितना झगड़े थे।
तुम- हां, मगर वो सब छोड़ो। सुनो शादी के बाद न हम वसंत विहार शिफ्ट हो जाएंगे।
मैं- पहले मुझे तुम बहुत खड़ूस लगे थे।
तुम- अच्छा। वैसे 2-3 साल में डाउनपेमेंट भर का तो पैसा जमा ही हो जाएगा, नहीं?
मैं- हम्म। तुम ऐसे क्यों थे पहले।
तुम- मैं क्या बात कर रहा हूं और तुम क्या बकवास छेड़ रही हो।
मैं- अच्छा बोलो बाबा क्या है। हां इतने दिनों में डाउनपेमेंट जमा हो जाएगा।
तुम- अच्छा सुनो न, इएमआई पर गाड़ी ले लेंगे। मैं तुम्हें ड्रॉप कर दिया करूंगा।
मैं- हम्म।
तुम- तुम अपनी सैलरी से आरडी खोल लेना। बाकी खर्चा मैं देख लूंगा।
मैं- और हर साल हम लोग घूमने जाएंगे।
तुम- नहीं बहुत हो गया घूमना-फिरना। अब सेविंग करेंगे।
मैं- सुनो हम लोग शादी नहीं करते।
तुम- क्या? क्यों? तुमने कहा तुम तैयार हो। इसलिए मैंने सारे प्लान बनाए। अब इसका क्या मतलब है।
मैं- मुझे लगा था शादी के बाद हम दोनों साथ रहेंगे। ज़्यादा करीब आएंगे।
तुम- तो?
मैं- मगर शादी के बाद तुम्हारे करीब आ रहा है मकान, गाड़ी, सेविंग्स। मैं दूर जा रही हूं। हम शादी के बगैर ही ठीक हैं। साथ घूमने तो जा सकते हैं।
तुम- पागल हो गयी हो। शादी के बाद सभी प्लानिंग करते हैं। सेविंग्स से ही तो सिक्योरिटी रहती है।
मैं- हम्म।
तुम- कहां जा रही हो।
मैं- घर।
तुम- अच्छा मैं मकान नहीं खरीदूंगा। हम घर बनाएंगे। गाड़ी नहीं लूंगा। हम साथ चलेंगे। खूब घूमेंगे। बस?
मैं- हम्म। पर मेरी सैलरी आरडी में ही जाएगी। हीहीहीही।
तुम- हाहाहाहा।

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